कच्ची उम्र में ही Lata Mangeshkar ने सीख लिया था हालात से लड़ना, बचपन से ही भाई-बहनों पर लुटाया जीवन Feb 5th 2022, 11:38 स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जिन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है। संगीतकार पंडित दीनानाथ मंगेशकर (Lata Mangeshka Father Deenanath Mangeshkar) के घर 29 दिसंबर 1929 को बेटी का जन्म हुआ, जिनका नाम हेमा मंगेशकर (Hema Deenanath Mangeshkar) रखा गया, 5 साल बाद पिता ने बेटी का नाम बदलकर लता रख दिया। लता मंगेशकर के 1 भाई और 4 बहनें मीना, आशा, ऊषा और हृदयनाथ मंगेशकर हैं। लता मंगेशकर के पिता नाटक कंपनी चलाते थे जिन्होंने बाद में एक फिल्म कंपनी भी बनाई। 5 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने एक नाटक में अभिनय भी किया था लेकिन लता की रुचि बचपन से ही संगीत में थी और उन्होंने संगीत पर ही फोकस किया। 13 साल की उम्र में लता मंगेशकर के सिर से पिता का साया उठ गया, इससे परिवार की मुश्किलें बढ़ गईं और घर की जिम्मेदारी बड़ी बेटी लता पर आ गई। लता मंगेशकर का बचपन चुनौतियों से भरा हुआ था। घर चलाने और बहन-भाईयों को संभालने के चलते लता मंगेशकर कभी स्कूल नहीं जा पाईं। 13 साल की लता का जीवन ऐसे कई संघर्षों से भरा था। जहां एक तरफ पिता का कामधंधा ढीला होने लगा था तो वहीं उनका छोटा भाई बीमार पड़ गया। घर की इकलौती उम्मीद लता भी बीमार पड़ गईं। पहला गाना जिसे फिल्म से हटा दिया गया लता मंगेशकर के लिए संगीत खुद की खुशी से ज्यादा जिम्मेदारी बन गया था। जैसे तैसे लता मंगेशकर को साल 1942 में मराठी फिल्म 'किती हासिल' में गाने का मौका मिला। इस फिल्म के लिए उन्होंने गाना तो गाया लेकिन कुछ कारणों की वजह से इस गाने को फिल्म से हटा दिया गया। लता मंगेशकर ने संगीत सीखना कभी नहीं छोड़ा। लता के पहले गुरु उनके पिता थे और पिता के जाने के बाद उन्होंने उस्ताद अमान अली खान और अमानत खान से संगीत सीखा। लता मंगेश्कर के गुरु साल 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद उस्ताद अमानत अली पाकिस्तान चले गए। फिर उन्होंने उस्ताद बड़े गुलाम अली खान, पंडित तुलसीदास शर्मा से लेकर कई बड़े संगीत जानकारों से शिक्षा हासिल की। 36 भाषाओं में 5 हजार से ज्यादा गीत गाए लता मंगेशकर ने हिंदी सिनेमा में अपनी किस्मत को अजमाया, उन्होंने 'आपकी सेवा में' नाम की फिल्म में गाना गाया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'महल' फिल्म का गाना 'आएगा आने वाला आएगा' के लिए अपनी आवाज दी। इस गाने के बाद लता मंगेशकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 36 भाषाओं में 5 हजार से ज्यादा गीत गाए। भजन, कव्वाली, गजल से लेकर शास्त्रीय संगीत और ढेर सारे फिल्मी गानों के लिए आज उन्हें जाना जाता है। लता मंगेशकर ने भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में नाम कमाया। जब पतली आवाज के चलते हुईं रिजेक्ट आज के समय में 'लता ही संगीत और संगीत ही लता' कहा जाता है। स्वर कोकिला नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने वो जमाना भी देखा है जब उन्हें कई बार पतली आवाज के चलते ही रिजेक्ट कर दिया गया था। लेकिन लता समय के साथ साथ खुद को साबित करती गईं और उन्होंने संगीत की दुनिया में वो काम कर दिया जो इससे पहले कोई नहीं कर पाया था। लता के नाम ढेरों सम्मान भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से लेकर लता मंगेशकर को फिल्मी दुनिया के सबसे बड़े सम्मान 'दादा साहब फाल्के अवॉर्ड' से सम्मानित किया जा चुका है। बचपन में घर संभालने के चलते लता मंगेश्कर कभी स्कूल नहीं जा पाई थीं लेकिन दुनियाभर में कई नामी यूनिवर्सिटी उन्हें मानक उपाधि से नवाज चुकी है। |